दहन पुतले का नहीं
गलत विचारों का करो
इस दशहरा जीवन में
आदर्श विचारों के रंग भरो।

हर वर्ष जलाते हैं रावण
पर वो तो फिर भी जिंदा है
निर्लज्ज जमाने के कारण
मानवता शर्मिन्दा है।

इस वर्ष दशहरे पर मिलकर
हम सब मन में ये धारेँ
अपने कर्मो की करनी से
निस्पाप अवस्था को धारें ।

विजयदशमी के पावन पर्व पर अनंत हार्दिक शुभकामनाएं, आपके लिए एवम् परिवार के लिए।




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